7.7.20
नासूर बनती जा रही -किसान व बागवान की पीड़ा - हंसराज ठाकुर
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यह कहना अपरिहार्य न होगा कि हमारा किसान – इंसानी सभ्यता की रीढ़ है I सभ्यताओं का निर्माण इन्सान ने किया I इंसानी प्रग्रति का इंजन या उसका महत...
1 टिप्पणी:
1.7.20
हिमाचल में शतरंज की संभावनाएं-- हंस राज ठाकुर
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विद्यार्थी के सर्वागीण विकास हेतु शिक्षा के साथ खेलें भी परमावश्यक हैं I हर खेल का अपना महत्त्व है व विद्यार्थी अपनी रूचि व कौशल के हिसाब से...
27.6.20
बाबा रामदेव जी जी दवा पर विवाद क्यों
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बाबा रामदेव, रतन जी टाटा,मुकेशअम्बानी जैसे लोग देश के लिये मसीहा बन कर काम कर रहे है वरना देश की हर वस्तु पर विदेशी अधिकार होता।इन कुछ लोगो...
15.6.20
“वैश्विक सदभाव – वर्तमान विश्व की आवश्यकता “ हंस राज ठाकुर
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मानव प्रादुर्भाव के साथ ही आदिकाल से वर्तमान युग तक मानव इतिहास के साथ संघर्ष की कड़ियाँ लगातार जुडती आ रही हैं I मानवता के विकास व् आपसी सम्...
9.6.20
बेज़ुबान जीवों पर अत्याचार अमानवीय -- जगदीश बाली
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ईश्वर ने इस संसार में रहने के लिए केवल मनुष्य को ही पैदा नहीं किया। इस पृथ्वी पर केवल मनुष्य का एकाधिकार नहीं है। सृष्टि के उस सर्जक ने इस प...
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