तेरे रंग में रंगने लगी है...............
ऐ दोस्त,चल चलें साथ कुछ कदम
कि तन्हाई भी अब बातें करने लगी है
टूटने लगे हैं सब दायरे खामोशी के
कि आँखें भी अब तो बातें करने लगी है
दफ़न थे जो कुछ लफ़्ज अनकहे पन्नों में
कि कलम मेरी अब कुछ गुनगुनाने लगी है
सुकूं मेरे दिल को पहले भी था लेकिन
कि रूह से अब तेरी खुशबू महकने लगी है
ये वफा , ऐतबार हैं जो नज़राने दोस्ती के
कि जिंदगी अब इनकी चाहत करने लगी है
ऐ दोस्त, संभाले रखना ये ऐतबार मेरा
कि जिंदगी अब तेरे रंग में रंगने लगी है...............!!
सुमन ‘मीत’ .
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तेरे रंग में रंगने लगी है...............
Posted by सु-मन (Suman Kapoor)
Posted on शनिवार, जनवरी 01, 2011
with 1 comment
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1 comments:
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"सुकूं मेरे दिल को पहले भी था लेकिन,
जवाब देंहटाएंरूह से अब तेरी खुशबू महकने लगी है" बहुत ही सुन्दर पंक्तियां। बधाई एवं नव वर्ष की शुभकामनाएं।