Sanjay Sharma said... on
August 21, 2009 6:52 PM
कैसे बचें स्वाइन फ्लू से- हमेशा हाथों को साबुन और डेटॉल वाले पानी से धोएं.- खांसते वक्त मुंह और नाक को रुमाल या कपड़े से ढंकें.- खांसने, छींकने या नाक साफ करने के बाद आंख, नाक और मुंह पर हाथ कतई न लगाएं. शरीर के ये हिस्से सबसे ज़ल्दी फ़्लू की चपेट में आते हैं.- फ्लू प्रभावित व्यक्ति से एक हाथ की दूरी बनाकर रखें.- भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करें. इन जगहों से लौटने के बाद पहले हाथ और फिर मुंह धोएं.- घर में उन जगहों की खास सफाई रखें, जिसका इस्तेमाल सब लोग करते हैं. मसलन, दरवाजे का हैंडल, स्विच. कंप्यूटर की बोर्ड, रसोई गैस.- मेज़, रसोई, बाथरूम और घर के कोनों को साफ़ रखें. इन जगहों पर बैक्टरिया आसानी से पनपते हैं. सफ़ाई के लिए पानी के साथ कीटनाशकों का इस्तेमाल करें.- रुमाल और इनहेलर जैसी चीजे़ बेहद साफ सुथरी रखें.- पर्याप्त पानी, पौष्टिक आहार और नींद लें.- अनजान लोगों से हाथ मिलाने और गले मिलने से बचें.- खुली जगहों पर ना थूकें.- उन देशों का सफर ना करें, जहां स्वाइन फ्लू के मामले पाए गए हैं.- स्वाइन फ्लू प्रभावित देशों से लौटने के बाद तुरंत जांच कराएं
Sanjay Sharma said... on
August 21, 2009 7:53 PM
इंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1)इंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1) एक इंफ्लुएंजा वायरस है, जिससे लोगों में बीमारी और मौत हो सकती है। इसे पहले स्वाइन फ्लू के नाम से जाना जाता था। यह बीमारी अप्रैल 09 में मेक्सिको से शुरू हुई, तब से यह वायरस दुनिया भर के अनेक देशों में फैल गया है। प्रारंभिक प्रयोगशाला परीक्षणों से पता चलता है कि इस वायरस के कई जीन्स उत्तरी अमेरिका के सुअरों में पाए जाने वाले जीनों के समान है, इसी लिए इस रोग को मूलत: स्वाइन फ्लू कहा जाता था। आगे चल कर कुछ अन्य परीक्षणों से यह सिद्ध हुआ है कि इस वायरस में सुअरों के जीन के हिस्से होने के साथ कुछ पक्षियों और मानव फ्लू वायरस के समान जीन भी पाए जाते हैं। इस जानकारी के निर्णय से वैज्ञानिकों ने इसके पिछले नाम को हटाकर अब से ‘इंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1)’ किया है। इंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1) के लक्षणइंफ्लुएंजा ए (एच 1 एन 1) के लक्षण नियमित मौसमी फ्लू के लक्षणों के समान होते हैं। जिन लोगों को यह बीमारी होती है उन्हें बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिर में दर्द, कंपकंपी और थकान महसूस हो सकती है। कुछ रोगियों को दस्त और उल्टी आने की समस्या भी हो सकती है।ऐसा माना जाता है कि फ्लू का वायरस उन छोटी छोटी बूंदों के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है जो संक्रमित व्यक्ति की नाक या मुंह से छींक या खांसी के दौरान बाहर आती हैं। इस रोग के साथ सुअरों का कोई लेना देना नहीं है। यदि सुअर के मांस से बने उत्पादों को अच्छी तरह पका कर खाया जाए तो सुअरों से डरने की कोई जरूरत नहीं है।बार बार पूछे जाने वाले प्रश्न (23 KB)http://www.india.gov.in/allimpfrms/alldocs/12415.pdfअखिल भारतीय टोल फ्री हेल्पलाइन: 1075 और 1800-11-4377
( धन्यवाद संजय शर्मा आपके विचारों से हम सब लाभान्वित हुए : हिमधारा )
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
SUBMIT BLOG
Labels
अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन
अतिथि कलम
अनंत आलोक
अभिलेख
अमृत कुमार शर्मा
अशोक गौतम
अशोक दर्द
अशोक मिश्रा
अश्विनी रमेश
आलोक कुमार सातपुते
इतिहास
इन्द्र ठाकुर
एच आनंद शर्मा
एस आर हरनोट
क़र्ज़
कवितायें
कहानी
कुमारसैन मेल
कुलदीप ठाकुर
कृष्णा बारस्कर
खेल
गज़ल
जगदीश बाली
जयदेव विद्रोही
जितेन्द्र ‘जौहर’ Jitendra Jauhar
ड़ॉ प्रीत अरोड़ा
तुलसी रमन
थिम्पू
दहेज़
दीपक शर्मा कुल्लुवी
दौलत भारती
धर्म
नपुंसक
नरेश देयोग
निधन
पर्यटन
पुस्तक
पुस्तक समीक्षा
प्रताप अरनोट
प्रदीप शर्मा
प्रादेशिक
फूल सिंह
बोधिसत्व कस्तूरिया
ब्लोग चर्चा
ब्लोग चौपाल
ब्लोग तकनीक
ब्लोगिंग
भूटान
मधुकर भारती
मनीष कुमार मिश्र
मनोज कुमार पाण्डेय
ममता व्यास
मुकेश नेगी
युवा दिवस
रचनाकार
रतन चन्द निर्झर
रतन चन्द रत्नेश
रवीन्द्र प्रभात
रश्मि प्रभा
राष्ट्रीय
रौशन जसवाल विक्षिप्त
लघुकथा
लेख
विज्ञान
विनय दास
विनय प्रजापति
विनायक शर्मा
विविध
वैवाहिक
व्यंग्य
शिक्षा
शेर सिंह
संतोष त्रिवेदी
संस्कृति
संस्मरण
समाचार
सांगरी दर्पण
साक्षात्कार
साहित्य
सुधीर मौर्य
सुनील शर्मा
सुमन-लोकसंघर्ष
सुमन'मीत'
स्मृति मिश्रा
स्वतंत्रता दिवस
स्वास्थ्य
हिम न्यूज़पोस्ट
हिमधारा
हिमशिक्षा
हिमाचल के रचनाकार
FEATURE
HEALTH
HISTORY
LITERATURE
NEWS
RELIGION
SPORTS
STORY
VIDEO

DISCLAIMER
हिमधारा पर प्रकाशित लेख/विचार लेखकों के व्यक्तिगत विचार है। किसी भी विवाद के लिए सम्बधित लेख/रचना का लेखक उतरदायी है। प्रकाशित लेख/ विचार हिमधारा और लेखक का उल्लेख करते हुए अन्यत्र प्रकाशित किये जा सकते है। किसी भी लेख में पाठकों को कुछ आपत्ति हो तो हिमधारा को HIMDHARA [AT] YMAIL [DOT] COM पर सूचित करें। इस प्रकार की रचना को संशोधित/ निरस्त कर दिया जाऐगा।
Materials posted in Himdhara are not moderated, HIMDHARA is not responsible for the views, opinions and content posted by the conrtibutors and readers.

कोई टिप्पणी नहीं: